धन से ज्यादा स्त्री की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि...
कई लोग धन, पैसा, सोना-चांदी, हीरे-मोती, ज्वेलरी आदि की सुरक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। काफी लोगों के लिए धन ही सब कुछ होता है और वे इसके आगे हर रिश्ते को छोटा ही समझते हैं। जो लोग धन को बहुत अधिक महत्व देते हैं वे एक दिन निश्चित ही नष्ट हो जाते हैं। इन लोगों को जब किसी के साथ की जरूरत होती है तब ये अकेले ही रह जाते हैं।
कई लोग धन, पैसा, सोना-चांदी, हीरे-मोती, ज्वेलरी आदि की सुरक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। काफी लोगों के लिए धन ही सब कुछ होता है और वे इसके आगे हर रिश्ते को छोटा ही समझते हैं। जो लोग धन को बहुत अधिक महत्व देते हैं वे एक दिन निश्चित ही नष्ट हो जाते हैं। इन लोगों को जब किसी के साथ की जरूरत होती है तब ये अकेले ही रह जाते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को हर परिस्थिति में धन से ज्यादा की अपनी पत्नी की रक्षा करनी चाहिए। धन चले के बाद केवल पत्नी ही आपका साथ नहीं छोड़ती जबकि अन्य सभी रिश्तेदार समस्या के समय आपसे मुंह मोड़ लेते हैं। इसी वजह से पत्नी की हर हाल में धन से अधिक सुरक्षा करनी चाहिए।
जो लोग धन को अधिक महत्व देते हैं उनके जीवन में अवश्य एक समय ऐसा आता है जब उन्हें पत्नी के साथ की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि वे जीवनभर पत्नी को अधिक महत्व नहीं देते हैं तो कठिन समय से उन्हें अकेले ही लडऩा पड़ता है। धन चले जाने के बाद पुन: प्राप्त किया जा सकता है लेकिन पत्नी यदि चले जाए तो उसके वापस लौटने की संभावनाएं बहुत कम होती है।
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को धन और पत्नी से अधिक खुद की सुरक्षा करनी चाहिए क्योंकि जब तक वह खुद सुरक्षित है तब तक वह अपनी पत्नी और धन की रक्षा कर सकता है।
जो लोग धन को अधिक महत्व देते हैं उनके जीवन में अवश्य एक समय ऐसा आता है जब उन्हें पत्नी के साथ की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि वे जीवनभर पत्नी को अधिक महत्व नहीं देते हैं तो कठिन समय से उन्हें अकेले ही लडऩा पड़ता है। धन चले जाने के बाद पुन: प्राप्त किया जा सकता है लेकिन पत्नी यदि चले जाए तो उसके वापस लौटने की संभावनाएं बहुत कम होती है।
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को धन और पत्नी से अधिक खुद की सुरक्षा करनी चाहिए क्योंकि जब तक वह खुद सुरक्षित है तब तक वह अपनी पत्नी और धन की रक्षा कर सकता है।
चाणक्य नीति - धन से ज्यादा स्त्री की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि...
Reviewed by Naresh Ji
on
February 22, 2022
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